क्या आप माँ दुर्गा की अनन्त शक्ति को जानते हैं? हिंदू धर्म में दुर्गा मां को शक्तिशाली देवियों में से एक के रूप में जाना जाता है। उनके ब्लॉग में हमने आपके लिए Durga Chalisa PDF उपलब्ध कराई है। एक दिन में दुर्गा चालीसा पढ़ने के कई फायदे हैं क्योंकि मां दुर्गा वित्तीय घाटे से बाहर आने में मदद करती हैं। माँ दुर्गा ब्रह्मांड की माता हैं क्योंकि वह हमेशा अपने भक्तों और गैर भक्तों की परवाह करती हैं। जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों से समान रूप से प्रेम करती है उसी प्रकार माँ दुर्गा भी सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का समान रूप से ध्यान रखती हैं। दुर्गा चालीसा पढ़ने से नकारात्मकता से बाहर निकलने में मदद मिलती है और सकारात्मक अनुभूति होती है। Durga Chalisa PDf के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें, और अधिक आध्यात्मिक आत्मा बनें।
Shree Durga Chalisas
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूं लोक फैली उजियारी ॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति
सुख पावे।
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना ॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा ॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं ॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी ॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी ॥
कर में खप्पर खड्ग विराजे। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत ॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे ॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब ॥
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका ॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी । तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें । दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई ॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो ॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा । दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥
करों कृपा है मातु दयाला। ऋ्धि-सि्धि दे करहू निहाला।
जब लगि जिऊ दया फल पाऊँ। तुम्हरों यश में सदा सुनाऊ।
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करह कृपा जगदम्ब भवानी॥
दोहा॥ शरणागत रक्षा करे, भक्त रहे नि:शंक।
मैं आया तेरी शरण में, मातू लिजिये अंक ॥
Conclusion
हम तक पहुंचने के लिए धन्यवाद, इस ब्लॉग में आपको Durga Chalisa PDF मिल सकती है। मां दुर्गा की शक्ति और शक्ति से हर कोई परिचित है। जैसा कि लोगों और भक्तों का मानना है कि दैनिक आधार पर दुर्गा चालीसा पढ़ने से वित्तीय समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। जो व्यक्ति दुर्गा चालीसा का पाठ करता है उसे शांति के साथ सुंदर और आरामदायक जीवन मिलता है। ऐसा ही कुछ पढ़ने के लिए दोबारा हमारे पास आएं। हमारा लक्ष्य हमेशा आपको अधिक आध्यात्मिक और भक्त बनाने के लिए इस प्रकार की सामग्री प्रदान करना है।