Gopal Chalisa Lyrics | गोपाल चालीसा गीत

अगर आप भी Gopal Chalisa Lyrics खोज रहे हैं तो आप सही जगह पर पहुंचे हैं। क्या आप भगवान गोपाल के बारे में जानते हैं? भगवान गोपाल भगवान कृष्ण के बाल अवतार हैं। भगवान कृष्ण को विभिन्न नामों से जाना जाता है, गोपाल उनमें से एक है। Gopal Chalisa Lyrics को हर रोज पढ़ने के कई फायदे हैं, खासकर जन्माष्टमी के अवसर पर। जन्माष्टमी को गोपाल के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है। भगवान गोपाल जीवन में खुशियां देने के साथ-साथ रिश्तों को भी अच्छा बनाते हैं और स्वस्थ संतान का आशीर्वाद देते हैं। कुछ लोग अच्छे परिवार और स्वस्थ जीवन के लिए गोपाल जी की पूजा करते हैं। गोपाल जी न केवल बच्चों को आशीर्वाद देते हैं बल्कि बच्चों को बुरी नजर या अन्य प्रकार की नकारात्मकता से भी बचाते हैं। इस ब्लॉग में Gopal Chalisa Lyrics पढ़ें और भगवान गोपाल से आशीर्वाद प्राप्त करें, हम आपकी सकारात्मकता के लिए भी प्रार्थना करते हैं।

| | दोहा | |

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल | |

| | चौपाई | |

जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी |
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै |

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता |
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये |

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई |
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ |

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई |
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो |

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई |
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी |

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये |
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी |

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना |
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो |

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई |
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों |

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये |
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई |

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो |
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी |

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये |
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई |

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी |
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी |

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये |
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे |

दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों |
गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे |

केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो |
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो |

कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा |
ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो |

जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया |
ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी |

गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन |
देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा |

देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा |
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद |

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला |
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी |

| | छन्द | |

गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई |
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई | |

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं |
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं | |

| | दोहा | |

प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश |

चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश | |

Conclusion 

हमें उम्मीद है कि आप गोपाल चालीसा के बोल समझ गए होंगे।( Gopal Chalisa Lyrics ) गोपाल चालीसा पढ़ने के कई फायदे हैं, न केवल बच्चों का आशीर्वाद मिलता है बल्कि कई फायदे भी होते हैं। इसी तरह की और सामग्री पढ़ने के लिए दोबारा हमारी साइट पर आएं। हम आशा करते हैं कि आपको वह मिल गया जिसकी आप इच्छा रखते हैं। भगवान गोपाल भगवान कृष्ण के बाल अवतार हैं। गोपाल चालीसा के बोल पढ़ें और इसका लाभ प्राप्त करें। हमारे पास आने के लिए धन्यवाद. हम आपको यहां पाकर धन्य हैं। कुछ ही क्लिक में आप ये आध्यात्मिक सामग्री अपने हाथों में प्राप्त कर सकते हैं।

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