परिचय: Hariharan Bajarang Baan Lyrics बजरंग बाण भगवान हनुमान जी की स्तुति में लिखा गया एक शक्तिशाली भजन है। इस भजन का उच्चारण विशेष रूप से भक्तों द्वारा कष्टों से मुक्ति पाने, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। बजरंग बाण के कई संस्करण उपलब्ध हैं, लेकिन प्रसिद्ध गायक हरीहरन द्वारा गाए गए बजरंग बाण ने विशेष ख्याति प्राप्त की है।
बजरंग बाण क्या है?
बजरंग बाण एक धार्मिक भजन है जो भगवान हनुमान जी की शक्ति और महिमा का वर्णन करता है। इसका अर्थ है “हनुमान जी के तीर”, जो भक्तों की रक्षा और कल्याण के लिए प्रतीकात्मक रूप में प्रयोग किया गया है।
हरीहरन द्वारा गाए गए बजरंग बाण के मुख्य पहलू:
- आवाज की दिव्यता: हरीहरन जी की मधुर और शक्तिशाली आवाज़ भजन में एक दिव्यता जोड़ती है।
- शब्दों की स्पष्टता: लिरिक्स स्पष्ट और भक्तिपूर्ण हैं।
- संगीत संयोजन: संगीत संयोजन शांति और ऊर्जा प्रदान करता है।
हरीहरन बजरंग बाण लिरिक्स (पूर्ण):

दोहा:
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।
चौपाई:
जय हनुमंत संत हितकार, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
जन के काज बिलंब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै
जैसे कूदि सिंधु महिपारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा
आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुरलोका
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा, सीता निरखि परमपद लीन्हा
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा
अक्षय कुमार मारि संहारा, लूम लपेटि लंक को जारा
लाह समान लंक जरि गई, जय-जय धुनि सुरपुर नभ भई
अब बिलंब केहि कारन स्वामी, कृपा करहु उर अंतरयामी
जय-जय लखन प्रान के दाता, आतुर ह्वै दुख करहु निपाता
जय हनुमान जयति बल-सागर, सुर-समूह-समरथ भट-नागर
ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले, बैरिहि मारु बज्र की कीले
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा, ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा
जय अंजनि कुमार बलवंता, शंकरसुवन बीर हनुमंता
बदन कराल काल-कुल-घालक, राम सहाय सदा प्रतिपालक
भूत, प्रेत, पिसाच निसाच, र अगिन बेताल काल मारी मर
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की, राखु नाथ मरजाद नाम की
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै, राम दूत धरु मारु धाइ कै
जय-जय-जय हनुमंत अगाधा, दुख पावत जन केहि अपराधा
पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत कछु दास तुम्हारा
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं
जनकसुता हरि दास कहावौ, ताकी सपथ बिलंब न लावौ
जै जै जै धुनि होत अकासा, सुमिरत होय दुसह दुख नासा
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं, यहि औसर अब केहि गोहरावौं
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई, पायँ परौं, कर जोरि मनाई
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता, ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल, ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल
अपने जन को तुरत उबारौ, सुमिरत होय आनंद हमारौ
यह बजरंग-बाण जेहि मारै, ताहि कहौ फिरि कवन उबारै
पाठ करै बजरंग-बाण की, हनुमत रक्षा करै प्रान की
यह बजरंग बाण जो जापैं, तासों भूत-प्रेत सब कापैं
धूप देय जो जपै हमेसा, ताके तन नहिं रहै कलेसा
…ताके तन नहिं रहै कलेसा
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान
(यहां संपूर्ण लिरिक्स को जोड़ा जा सकता है)
बजरंग बाण के लाभ:
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: बजरंग बाण के नियमित पाठ से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं का नाश होता है।
- भय और तनाव का नाश: मानसिक शांति और भय को दूर करने में सहायक।
- आध्यात्मिक शक्ति: आत्मिक बल और विश्वास में वृद्धि करता है।
- शत्रुओं का नाश: शत्रुओं पर विजय पाने के लिए विशेष प्रभावी।
बजरंग बाण पाठ का सही समय और विधि:
समय | लाभ | विशेष बातें |
प्रातः काल | सकारात्मक ऊर्जा | स्नान के बाद पाठ करें |
संध्या काल | मानसिक शांति | दीप जलाकर पाठ करें |
कष्ट के समय | संकट मुक्ति | पूरी श्रद्धा से पाठ करें |
बजरंग बाण पाठ के नियम:
- शुद्ध और स्वच्छ मन से पाठ करें।
- हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर पाठ करें।
- लाल रंग के कपड़े पहनें और चंदन का तिलक करें।
निष्कर्ष: Hariharan Bajarang Baan Lyrics हरीहरन द्वारा गाए गए बजरंग बाण का पाठ श्रद्धालु भक्तों के लिए अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली साधन है। यह भजन भक्तों के जीवन में शांति, सुरक्षा और सफलता लाता है। इस पवित्र भजन को नियमित रूप से गाने और सुनने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक विकास होता है।
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