परिचय: (Ram ji ki Aarti) हिंदू धर्म में आरती का विशेष महत्व है। यह एक धार्मिक प्रक्रिया है जिसमें भक्त भगवान की पूजा करते समय दीप प्रज्वलित करके उनकी आराधना करते हैं। Ram ji ki Aarti “राम जी की आरती” भगवान राम के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इस लेख में हम राम जी की आरती का महत्व, उसकी विधि, आरती के बोल, और इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा करेंगे। साथ ही, एक तालिका के माध्यम से इसकी जानकारी को सरलता से प्रस्तुत किया गया है।
राम जी की आरती का महत्व
- आध्यात्मिक उन्नति: राम जी की आरती करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: आरती के दौरान गाए जाने वाले मंत्र और भजन नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं।
- परिवार में सुख-शांति: भगवान राम को समर्पित आरती करने से परिवार में सौहार्द और सुख-शांति बनी रहती है।
- सकारात्मकता का संचार: आरती के दीपक की रोशनी और धूप की सुगंध सकारात्मकता का संचार करती है।
राम जी की आरती कैसे करें?
- पूजा स्थान की सफाई: सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और एक दीपक तैयार करें।
- राम जी की मूर्ति या तस्वीर: भगवान राम की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थल पर रखें।
- सामग्री: कपूर, दीपक, धूप, फूल, और प्रसाद तैयार रखें।
- आरती का दीपक: शुद्ध घी या तेल से दीपक जलाएं।
- घंटी बजाना: आरती के समय घंटी बजाएं, जिससे वातावरण पवित्र हो।
- भक्ति के साथ आरती गाएं: पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती गाएं।
राम जी की आरती के बोल
नीचे राम जी की प्रसिद्ध आरती प्रस्तुत की गई है:

आरती भगवान श्री रामचंद्रजी की*
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
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कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
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भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
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सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
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इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
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मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
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एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
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दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
आरती का उपयुक्त समय
- सुबह की आरती: सूर्योदय के समय।
- शाम की आरती: सूर्यास्त के बाद।
- विशेष अवसर: राम नवमी, दशहरा और दीपावली पर विशेष रूप से राम जी की आरती की जाती है।
राम जी की आरती का लाभ
लाभ | विवरण |
मानसिक शांति | आरती से मानसिक तनाव कम होता है। |
परिवार में समृद्धि | आरती से परिवार में खुशहाली आती है। |
पापों का नाश | भगवान राम की भक्ति से पापों का नाश होता है। |
आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि | आरती के माध्यम से आत्मबल बढ़ता है। |
राम जी की आरती के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- पवित्रता बनाए रखें: पूजा स्थल और सामग्री की पवित्रता का ध्यान रखें।
- शुद्ध कपड़े पहनें: सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
- भक्ति भावना से गाएं: आरती करते समय मन में भगवान राम के प्रति भक्ति भावना होनी चाहिए।
- सामूहिक आरती का महत्व: सामूहिक रूप से आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
राम जी की आरती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
राम जी की आरती न केवल एक पूजा पद्धति है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, और उनकी आराधना से व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन, धर्म, और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त करता है।
निष्कर्ष
( Ram ji ki Aarti ) राम जी की आरती भक्तों के लिए भगवान राम की कृपा पाने का एक अद्भुत माध्यम है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करती है। नियमित रूप से आरती करना न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक होता है, बल्कि परिवार और समाज में भी सुख-शांति का संदेश देता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. राम जी की आरती का सर्वश्रेष्ठ समय कब है?
सुबह सूर्योदय और शाम को सूर्यास्त के समय राम जी की आरती करना शुभ माना जाता है।
2. क्या राम जी की आरती विशेष दिनों पर ही की जा सकती है?
नहीं, आप राम जी की आरती किसी भी दिन कर सकते हैं। हालांकि, राम नवमी, दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों पर इसका विशेष महत्व होता है।
3. क्या आरती करते समय कपूर का उपयोग आवश्यक है?
हां, कपूर का उपयोग आरती के दौरान शुभ माना जाता है। यह वातावरण को शुद्ध करता है।
4. क्या राम जी की आरती अकेले की जा सकती है?
हां, राम जी की आरती आप अकेले या सामूहिक रूप से कर सकते हैं।
5. आरती के बाद क्या करना चाहिए?
आरती के बाद प्रसाद बांटना और भगवान का धन्यवाद करना चाहिए।
6. राम जी की आरती के दौरान कौन-कौन से मंत्र गाए जाते हैं?
आरती के दौरान “श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन” और अन्य भजन गाए जा सकते हैं।
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